सरफराज वारसी, बाराबंकी
केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। जिसके बाद से बाराबंकी में पसमांदा समाज के मुस्लिमों में खुशी की लहर है। उन्होंने इसे लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम बताया। आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने इसके लिये मोदी सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने इसे लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम बताया। वसीम राईन ने कहा कि सीएए से मुसलमानों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। न ही उन्हें इस कानून को लेकर कोई भ्रम रखने की ही जरूरत है। इस कानून को ठीक से समझना व जानना ही उनके लिए फायदेमंद रहेगा।
उन्होंने कहा कि यह अलग बात है कि मोदी सरकार ने जिस तरह पसमांदा का जिक्र किया, सबका साथ सबका विश्वास का नारा देकर साथ लेकर चलने की बात कही। पर अभी तक कहीं भी हमं हिस्सेदारी नहीं दी। पसमांदा समाज से किसी को न राज्यसभा के लिए चुना गया और न ही विधान परिषद ही भेजा गया। इससे समाज दुखी हुआ है। पर यह भी ध्यान देने की बात है कि दशकों तक देश में राज करती आई कथित धर्मनिरपेक्ष पार्टी कांग्रेस ने तो हमें केवल वोटबैंक ही बनाकर रखा। हक हुकूक और बुनियादी जरूरतों का कभी जिक्र नहीं किया। जब करने की बारी आई तब पसमांदा को दरकिनार कर अशराफ को सिर पर बिठाया गया।
उन्होंने कहा कि क्या सपा और क्या बसपा, सबने हमें केवल इस्तेमाल ही किया। जबकि कम से कम देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समाज का नाम तो लिया। साथ लेकर चलने की बात तो की। हालांकि अभी भी समाज को इस सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने पसमांदा समाज से अपील करते हुए कहा कि सीएए को लेकर किसी बहकावे में आने के बजाय वह इस कानून को जाने, समझें और बड़ो से बात करें। किसी भी दशा में यह कानून उनके हितों को प्रभावित नहीं करता।