अनुराग त्रिपाठी, संवाददाता
बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित यूपी ट्रैवल मार्ट (यूपीटीएम) के छठे संस्करण का दूसरा दिन भी पर्यटन उद्योग को लेकर विचार-विमर्श और उत्साह से भरा रहा। दूसरे दिन के कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित किए गए, जिनमें पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रणनीति, विभिन्न क्षेत्रों में पर्यटन की संभावनाएं, और विदेशी पर्यटकों के अनुभव शामिल थे।
इस अवसर पर बोलते हुए के मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने बताया, “राज्य सरकार उत्तर प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए तेजी से काम कर रही है। राज्य में कई नए हवाई अड्डे, एक्सप्रेसवे और जलमार्ग बनाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार होम स्टे और धर्मशालाओं की गुणवत्ता में सुधार करने पर भी ध्यान दे रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 2022 में पर्यटन विकास के लिए एक नई नीति बनाई थी। इस नीति के तहत, प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की जा रही हैं। इनमें होमस्टे, एडवेंचर टूरिज्म, इको टूरिज्म आदि शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “आज उत्तर प्रदेश की स्थिति तेजी से बदल रही है। उत्तर प्रदेश का परिवर्तन हो रहा है। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि देश में सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था यदि कोई है तो वह उत्तर प्रदेश है। आपको जानकर खुशी होगी कि आज से से केवल सात साल पहले, जहां हम देश में सातवीं नंबर की अर्थव्यवस्था हुआ करते थे, आज उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जहां भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा, तो उत्तर प्रदेश भी एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। देश में इतने सारे परिवर्तन, अलग-अलग क्षेत्रों में हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश उस अंधकार को दूर करने वाला पहला राज्य है। पहले लोग कहा करते थे कि उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य है, जहां कोई संभावना नहीं है। वहीं, आज उत्तर प्रदेश अवसरों का प्रदेश बन गया है। प्रदेश में 15 नए हवाई अड्डे हैं, जिनमें से पांच अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं। इसके अलावा, प्रदेश में एक्सप्रेसवे और मेट्रो लाइन का भी जाल बिछाया जा रहा है, जिससे पर्यटकों के लिए आवागमन आसान होगा।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा उत्तर प्रदेश में जलमार्गों का भी विकास किया जा रहा है। गंगा नदी पर बनारस से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग का पहला चरण पूरा हो चुका है। इसके अलावा, प्रदेश में एक नया जलमार्ग प्राधिकरण भी बनाया गया है। प्रदेश सरकार जलमार्ग के जरिए क्रूज टूरिज्म को भी बढ़ावा दे रही है।” डीएस मिश्रा ने इस अवसर पर देश विदेश से आए टूर ऑपरेटर्स द्वारा दिए गए सुझावों और समस्याओं को भी सुना। उन्होंने इसके लिए उनका धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकार उनके सुझावों को अमल में लाने का पूरा प्रयास करेगी और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाएगा।
इस मौके पर बोलते हुए, मुकेश मिश्राम, प्रमुख सचिव पर्यटन उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा, “पर्यटन विभाग ने कुछ वर्षों के अंतराल के बाद एक बार फिर फिक्की के सहयोग से यूपी ट्रैवल मार्ट का आयोजन इस बार गोरखपुर की आध्यात्मिक धरती पर किया है। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश की पर्यटन क्षमता को प्रदर्शित करना है। उत्तर प्रदेश भारतीय सभ्यता, आध्यात्मिकता और गंगा नदी से जुड़ी भूमि के रूप में अत्यधिक महत्व रखता है। उत्तर प्रदेश बौद्ध पर्यटन का भी एक प्रमुख केंद्र है। राज्य में कुशीनगर, श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कौशाम्बी, सारनाथ सहित अन्य कई महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल हैं। उत्तर प्रदेश में कई अनछुए पर्यटन स्थल भी मौजूद हैं, जिनमें ग्रामीण जीवन, हस्तशिल्प, पारंपरिक भोजन और इको-टूरिज्म से जुड़े गंतव्य शामिल हैं। इसके साथ ही, राज्य बाघों की भूमि के रूप में विकसित हो रहा है। दुधवा, किशनपुर, पीलीभीत, अमानगढ़ और रानीपुर टाइगर रिजर्व इसके प्रमुख उदाहरण हैं। आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अयोध्या, प्रयागराज और काशी विश्वनाथ के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने हाल ही में ‘उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022’ को भी लागू किया है, जो टूर और ट्रैवल ऑपरेटरों के लिए कई लाभकारी प्रावधान प्रदान करती है।”